Sunday, August 18, 2019

खस्ताहाल बांध, कैसे रोकेगा यमुना का उफान - मानसून में भी नहीं बदली तटबंध की सूरत, जगह-जगह हुए गहरे गड्ढे, सिंचाई विभाग बेपरवाह

खस्ताहाल बांध, कैसे रोकेगा यमुना का उफान
- मानसून में भी नहीं बदली तटबंध की सूरत, जगह-जगह हुए गहरे गड्ढे, सिंचाई विभाग बेपरवाह


कैराना। मानसून में यमुना नदी के उफान पर आना स्वाभाविक माना जाता है। इसे लेकर किसी भी आपदा से बचाव के लिए सिंचाई विभाग की ओर से पहले ही तमाम व्यवस्था कर ली जाती है लेकिन, कैराना में विभाग की तैयारियां आधी-अधूरी नजर आ रही है। यहां खादर इलाके में खस्ताहाल बांध इस बात की गवाही दे रहा है कि आपदा से बचाव के लिए विभाग कितना गंभीर है।
   मानसून के चलते अभी से तटवर्ती गांवों के बाशिंदे चिंतित है। पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही वर्षा के चलते यमुना नदी उफान पर है। वैसे तो बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए तमाम तैयारियां सुदृढ़ कराने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी जाती है, लेकिन यहां सिंचाई विभाग बेपरवाह बना हुआ है। खादर में यमुना तटबंध की बात करें, तो स्थिति बेहद खराब नजर आती है। हालत यह है कि तटबंध में कई-कई फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। कुछ ऐसी भी जगह है, जहां पर बारिश में ही कटाव होता दिख रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि इस साल तटबंध की मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है। विभागीय अधिकारी तटबंध की हालत दुरूस्त कराने के लिए वहां तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में सिंचाई विभाग की तैयारियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। तटवर्ती बांशिदों का कहना है कि आए साल यमुना नदी मानसून में उफन जाती है, जिसके चलते किसानों की खेती भी प्रभावित होती है। कई बार तो स्थिति ऐसी सामने आई कि यमुना का पानी तटबंध तक भी जाता है। लेकिन, इसे लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारी संजीदा नहीं हैं। सवाल यह है कि यदि यमुना उफन आई, तो इस दिशा में तटबंध कैसे रोकथाम कर पाएगा। उधर, सिंचाई विभाग की धींगामुश्ती के चलते तटवर्ती बांशिंदों में रोष भी बना हुआ है। लोगों ने खस्ताहाल तटबंध की मरम्मत कराने की मांग की है।
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2013 में बह गए थे अरमान
वर्ष 2013 में भारी बरसात के चलते यमुना नदी उफन गई थी, जिसके बाद तहसील क्षेत्र के करीब 26 गांवों में बाढ़ आ गई है। उस दौरान खेती के साथ-साथ लोगों को घरेलू क्षति भी पहुंची थी। कुछ लोग डर की वजह से गांव तक छोड़कर चले गए थे, जो बाद में यमुना की स्थिति सामान्य होने पर लोग वापस लौट आए थे। बरसात के मौसम में अक्सर उन लोगों में टीस उभरती है, जिन्होंने 2013 में बाढ़ से नुकसान झेला है।
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सिंचाई विभाग का दावा, हुई मरम्मत
तटबंध की खस्ताहाली को लेकर सिंचाई विभाग ने भी तर्क दिया है। विभाग के सहायक अभियंता ओमकार सिंह ने मानसून को देखते हुए पहले ही तटबंध की मरम्मत कराये जाने का दावा किया है। उनका कहना है कि तटबंध की मरम्मत कराई गई थी। विभागीय कर्मचारी समय-समय पर तटबंध का वॉच करते हैं। कहीं यदि कटाव हो रहा है, तो उसकी मरम्मत तुरंत करा दी जाती है।


रिपोर्ट 
बिलाल अली कैराना 

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