Saturday, August 31, 2019

*""हम पत्रकार शामली की इसी जनता के बेटे हैं!""* *"" इसीलिए अपने हकों की लड़ाई के लिए अपनी शामली में धरने पर डटे हैं!""आख़िर क्यों ?? जनपद शामली पुलिस गो-तस्करों एवम् तथाकथित मुखबिरों द्वारा पत्रकारों के धरने के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन क्यों? दिलाया जा रहा है? इससे तो साबित होता है! कि गौ-तस्करों को भी शामली पुलिस का संरक्षण प्राप्त है!

...✍    क्या ? सत्ताधारी नेताओं के कहने पर जनपद शामली की पुलिस कर रही है? पत्रकारों का उत्पीड़न ?





क्या? पत्रकारों के शोषण में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की भी है? कोई मिलीभगत ?




जनपद शामली के अधिकारियों पर दबाव बनाकर क्या सत्ताधारी नेता पत्रकारों की मांगों को पूरा नहीं कराना चाहते हैं ?


                  



जनपद शामली के पत्रकारों के शोषण को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुक्रवार सुबह 9:00 बजे से जारी है। शनिवार रात्रि भी धरना प्रदर्शन रहेगा जारी।




जनपद शामली में हो रहे, पत्रकारों के उत्पीड़न को लेकर जहां जनपद में दर्जनों सामाजिक संगठनों एवं  अनेकों राजनीतिक पार्टियों तथा अराजनीतिक संगठनों ने एक मंच पर आकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल होकर अपना पूर्ण सहयोग जारी कर रखा है।




 वहीं दूसरी ओर सवाल यह भी उठता है? कि क्या? देश के चौथे  स्तंभ को अपनी मांगे पूरी कराने के लिए इतना वक्त धरने पर बैठना पड़ेगा।




 क्या ? जनपद शामली पुलिस अधिकारियों पर मांगे पूरी ना करने के पीछे कोई सत्ताधारी नेताओं का दबाव है?

          शुक्रवार प्रातः 9:00 बजे से पत्रकारों का धरना जारी है।
          वही धरने को दर्जनों समाजिक संगठनों ने पत्रकारों की हितों की लड़ाई के लिए धरना स्थल पर आकर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।
                 और अनेकों सामाजिक एवं अराजनीतिक संगठनों बार एसोसिएशन एवं अनेकों राजनितिक पार्टियों ने
            पत्रकारों की मांगों को ज़ायज़ मानते हुए अपना पूर्ण रूप से सहयोग देने का खुला ऐलान किया है!



 वहीं दूसरी और यह भी है! कि अब तक सत्ताधारी पार्टी का कोई भी नेता धरना स्थल पर नज़र नहीं आया।




 क्या ? इसके पीछे जनपद शामली के अधिकारियों पर किसी सत्ताधारी नेता/नेताओं का दबाव है! कि पत्रकारों की मांगे ना पूरी करो





उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्रकारों का सम्मान करने के लिए कहा गया था कि थाने में आते ही पत्रकार का स्वागत करें।




सरकार द्वारा यह भी घोषणा की गई थी कि अगर पत्रकारों को कोई भी धमकाता है!

          तो पत्रकार को धमकाने पर धमकाने वाले पर रू 50,000 का जुर्माना व जेल भी हो सकती है।



क्या ? जनपद शामली की पुलिस पर उत्तर प्रदेश सरकार का यह नियम लागू नहीं होता ?




क्या ? उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन यह भूल गया है? कि अगर नेता कोई भी कार्यक्रम या कोई भी जनसभा करता है?

           तो उसको सबसे पहले वहां पर पत्रकार नज़र आता है!
           पुलिस द्वारा कोई भी सराहनीय कार्य किया जाता है! तो सबसे पहले पत्रकार को अवगत किया जाता है।



पत्रकारों की ✍कलम✍ को रोका नही जा सकता यह वही पत्रकार है? जिसने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया है।

           और हम पत्रकार भारत देश की इसी शामली जनपद की जनता के बेटे/वंशज हैं! जिन्होंने जंगे आजादी की लड़ाई लड़ी है?



इससे यही साबित होता है कि पत्रकारों के धरना प्रदर्शन को जहां 40 घंटे हो गए हैं? अब तक पत्रकारों की मांगे पूरी क्यों नहीं हुई है?

         अगर पत्रकार गलत है? तो जनपद शामली के पुलिस अधिकारी आकर धरने में क्यों ? नहीं कहते?
        शामली एसपी द्वारा सोशल मीडिया पर जनपद की जनता को पत्रकारों के खिलाफ़ क्यों उकसाया  जा रहा है? 
              आख़िर क्यों ??
              एसपी शामली अजय कुमार पांडे शामली जनपद की शांत फ़िज़ा को खराब करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
               आख़िर क्यों ??
              एसपी शामली अजय कुमार पांडे जनता और पत्रकारों में तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं?
                   आख़िर क्यों ??
                   शामली एसपी अजय कुमार पांडे अंग्रेज हुकूमत के हुक्मरान की तरह डिवाइड एंड रूल के तहत जनपद की शांति को क्यों भंग करना चाहते हैं?
                  आख़िर क्यों ??
                  एसपी शामली अजय कुमार पांडे जनपद की सम्मानित जनता और इसी जनता के बेटे,भाई,पिता,दोस्त,रिश्तेदार (पत्रकारों) को आपस में लड़ाने का असंभव प्रयास कर रहे हैं?
                आख़िर क्यों ??
                एसपी शामली अजय कुमार पांडे पत्रकारों को आतंकवादी या कोई बड़ा माफ़िया या किसी भी कार्य का तस्कर क्यों समझ रहे हैं?
           क्या ? आज से पहले शामली में कोई एसपी नहीं आया ?
          क्या ? आज से पहले शामली के पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ़ धरना-प्रदर्शन किया है?*
           क्या ? आज से पहले शामली के पत्रकारों ने इतना बड़ा कोई आंदोलन किया है?
                आख़िर क्यों ??
               शामली जनपद का पत्रकार धरना प्रदर्शन या आंदोलन करने पर क्यों मजबूर हुआ हैं?
                  क्या? शामली एसपी अजय कुमार पांडे को यह नहीं पता है कि हम पत्रकार इसी शामली जनपद के हैं?                                 
        और इस शामली जनपद की जनता के हैं! 
              और शामली जनपद की जनता हम पत्रकारों की है?
                जनता में भी कोई हमारा भाई है! कोई हमारा बाप है! कोई हमारा ताया है! कोई हमारा चाचा है! तथा कोई हमारा दोस्त है! कोई रिश्तेदार है!
                शामली की यह जनता हम पत्रकारों की है! और हम पत्रकार इस शामली की जनता के हैं!
        क्या ? इस जनता को शामली एसपी अजय कुमार पांडे कहीं से अपने साथ लेकर आए हैं!



 ""हम पत्रकार शामली की इसी जनता के बेटे हैं!""

 "" इसीलिए अपने हकों की लड़ाई के लिए अपनी शामली में धरने पर डटे हैं!""
             आख़िर क्यों ??
जनपद शामली पुलिस गो-तस्करों एवम् तथाकथित मुखबिरों द्वारा पत्रकारों के धरने के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन क्यों? दिलाया जा रहा है?
इससे तो साबित होता है! कि गौ-तस्करों को भी शामली पुलिस का संरक्षण प्राप्त है!



..✍

    आपका अपना आपकी दुआओं का तलबगार...
हिंदुस्तान की आज़ादी के लिए बलिदान देने वाली शामली की जनता का बेटा/वंशज शामली जनपद का
...✍पत्रकार...✍

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